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खनन नीति से हुए हजारों करोड़ के घोटाले के खिलाफ एसएलपी योजित करना माफियाओं से सांठ-गांठ – मोर्चा  

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 #न्यायालय ने क्यों माना था टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले जैसा मामले को !

 #खनन नीति 2021 में बदलाव कर किया गया था बहुत बड़ा खेला 

#माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए निजी नाप भूमि में खनन की दी गई थी छूट |       

 #इनको पर्यावरणीय अनुमति से भी रखा गया था दूर |                       

 #506 रुपए से घटाकर 70 रु. प्रति टन की गई थी रॉयल्टी

विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएनवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि धामी सरकार द्वारा अपना पहला कार्यकाल जुलाई 2021 संभालते ही खनन माफियाओं का एहसान उतारने के उद्देश्य से 21/10/21 यानी मात्र तीन माह के भीतर ही खनन माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए उत्तराखंड खनन नीति 2021 में भारी बदलाव कर खनन कारोबार कराने के उद्देश्य से नदी किनारे निजी नाप भूमि में समतलीकरण, रीसाइक्लिंग टैंक, मत्स्य तालाब निर्माण को खनन परिभाषा से बाहर कर इनको जारी लाइसेंस की अवधि एक वर्ष से बढाकर 5 वर्ष कर दिया गया तथा पर्यावरणीय अनुमति की भी आवश्यकता को नकार दिया गया |इसके साथ-साथ इनको फायदा पहुंचाने के लिए अन्य स्रोतों से प्राप्त रॉयल्टी ₹506 प्रति टन के स्थान पर ₹70 कर दिया गया एवं भारी मशीनों को भी नदियों का चीर हरण करने की अनुमति प्रदान की गई थी, जिससे सरकार को हजारों करोड रुपए राजस्व की हानि हुई तथा और अधिक होने की संभावना थी| उक्त घोटाले व खनन नीति बदलाव को लेकर योजित जनहित याचिका संख्या 90/ 2020 में मा. उच्च न्यायालय द्वारा सरकार को खनन क्रियाएं रोकने के निर्देश 30/ 3 /22 के द्वारा दिए थे | इसी प्रकार एक अन्य जनहित याचिका में मा. उच्च न्यायालय द्वारा द्वारा 31/3/ 23 को सरकार व सीबीआई को नोटिस जारी किया गया था तत्पश्चात खनन नीति रद्द कर दी थी तथा इस महा घोटाले को टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले के समान माना था | नेगी ने कहा कि माफियाओं का अहित देख धामी सरकार ने आनन- फानन में उक्त फैसले के खिलाफ मा. सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी योजित कर दी, जिसमें सरकार की बहुत किरकिरी हुई और सरकार द्वारा दिनांक 11/9/ 23 को अपनी एसएलपी वापस ले ली | उस समय सरकार को चाहिए था कि मा.उच्च न्यायालय के निर्देशों का जनहित में पालन करते, लेकिन पालन नहीं किया | उक्त कृत्य से सरकार और खनन माफियाओं की मिलीभगत /यारी जग जाहिर हो गई थी |क्यों सरकार द्वारा प्रदेश की छवि को धूमिल करने का काम किया गया ! आलम यह है कि प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ माफियाओं को लाभ पहुंचने के लिए ही उनके मन माफिक नीतियां बन रही हैं |

मोर्चा सरकार की खनन माफियाओं से यारी का आगे भी पोस्टमार्टम करता रहेगा, पत्रकार वार्ता में- दिलबाग सिंह व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |

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