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NTA नें हमें सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया… NEET-UG मामले में बोलते हुए रो पड़ी अभ्यर्थी

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नीट यूजी के अभ्यर्थियों ने एक ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस के जरिए अपनी समस्याएं बताई. इसमें सभी अभ्यर्थियों ने अपनी बात रखी. इसी तरह अभ्यर्थी काजल से भी पूछा गया कि आपको क्या उम्मीद है कोर्ट और सरकार से? क्या कहना चाहेंगी आप उनको? काजल ने कहा हम सभी स्टूडेंट्स चाहते हैं कि हमारे साथ जस्टिस हो. लेकिन नेशनल टेस्ट एजेंसी (एनटीए) से हमें बहुत शिकायते हैं, क्योंकि… बस इतना ही बोल पाई थी काजल और उसकी आवाज भारी होने लगी थी.

वो कुछ आगे बोलती लेकिन तब तक एनटीए के प्रति उसकी शिकायत आंखो से छलक उठी. उसके अंदर भरा हुआ दर्द अब आंसुओं के रूप में बहने लगा. कुछ देर बाद वो बताती है कि एनटीए से गुस्सा इसलिए है, क्योंकि सरकार जो हमारे पेरेंट्स जैसी है. इस एनटीए ने हम सभी बच्चों को उस सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया है.

काजल और उसके आंसू दोनों ही बात कर रहे थे

काजल के आंसू उसे कुछ कहने नहीं दे रहें लेकिन इन आंसुओं से लड़ाई जीतते हुए अभ्यर्थी कहती है कि अगर हम खड़े नहीं होते तो ये मुद्दा ही दबा दिया जाता. जिन्होंने दो-तीन साल तक मेहनत की है, उनका हक किसी और को दे दिया जाता, जो ये डिजर्व नहीं करते हैं. अब काजल और उसके आंसू दोनों ही बात कर रहे थे और भारी आवाज में काजल कहती है कि इन दो तीन सालों में जितना कठिन तैयारी करना नहीं था. उससे कहीं ज्यादा कठिन ये दो महीने रहें.

एनटीए की वजह से छात्र खुद को फेस नहीं कर पा रहे- अभ्यर्थी

आगे काजल ने कहा कि एनटीए की वजह से ही आज छात्र खुद को फेस नहीं कर पा रहे हैं. एनटीए की गलतियों के कारण छात्र अपने ऊपर फेलियर का ठप्पा लगाकर घूम रहे हैं. पेरेंट्स सपोर्ट करते हैं, लेकिन इसके बावजूद एक समय के बाद खुद पर डाउट होने लगता है. आगे काजल ने कहा हम सब पेपर देने के बाद बहुत खुश थें, क्योंकि पेपर देने के बाद खुद ही पता चल जाता है कि हमने कैसा पेपर दिया है और हमारे कैसे मार्क्स आयेंगे, पर रिजल्ट की जगह आज हम कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं.

काजल ने रोते हुए कहा कि हमें अब सिर्फ कोर्ट से उम्मीदें हैं

आगे अभ्यर्थी ने कहा अब हमें सिर्फ कोर्ट पर भरोसा है. बस कोर्ट जल्दी फैसला ले क्योंकि बहुत टाइम बर्बाद हो चुका है. एक मिडिल क्लास फैमिली कहां से बार बार 3 से 4 लाख रुपए लाएंगे तैयारी के लिए. काजल ने रोते हुए कहा कि हमें अब सिर्फ कोर्ट से उम्मीदें हैं, वो हमें समझेंगे, हम सब उनके बच्चों की तरह हैं.

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