अंकिता भंडारी हत्याकांड में साकारात्मक पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने किया सम्मानित
उत्तराखंड राज्य के बहुत चर्चित अंकिता हत्याकांड को लेकर सड़कों से लेकर विधानसभा तक न्याय की मांग को लेकर लगातार धरने प्रदर्शन चलता ही रहे और सरकार पर लगातार न्याय के लिए दबाव डाला जाता रहा माना जा रहा था
कि कुछ तथा कथित सफेद पोश के चलते इस हत्याकांड के दोषियों को नहीं नहीं पकड़ा जा रहा था जब जनता और मीडिया का सरकार पर दबाव पड़ा तब सरकार द्वारा पुलिस को फ्री हैंड निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया
और लगातार पुलिस और मीडिया केद्वारा साक्षी मिलने के उपरांत आज हत्याकांड के दोषी सलाखों के पीछे हैं और उनको आजीवन कारावास दिया गया परंतु इस जांच से लेकर न्याय तक किस प्रकार की समस्याएं और क्या-क्या इसमें कमियां रही
यह बातों को लेकर एक कार्यक्रम संवाद के रूप में आज प्रस्तुत किया गया जिसमें पत्रकारों से लेकर पूर्व जस्टिस राजेश टंडन और आईजी धीरेंद्र गुंजल सहित कहीं जान मानेपत्रकार भी शामिल रहे सभी वक्ताओं ने बताया कि किस प्रकार सरकार और पुलिस ने मिलकर सभी तथ्यों को एकत्र किया
और किस-किस प्रकार सभी की भागीदारी रही जिससे आज दोषी जेल की हवा खा रहे हैं वहीं उन्होंने बताया कि इस मामले में पत्रकारों की भी अच्छी खासी भागीदारी रही है उन्हीं के दबाव के चलते आज दोषी पकड़े गएवंही कार्यक्रम के संयोजक अस्थाना जी ने बताया कि अंकित हत्याकांड को लेकर एक निष्पक्ष जांच हेतु जिस प्रकार की कार्यप्रणाली रही उसको लेकर एक डिबेट के लिए पहले से ही मन बना रखा था
जिसको लेकर एक खुला संवाद कार्यक्रम रखने की बात बड़ा बना रखा था इसी के चलते आज यह कार्यक्रम किया गया चर्चा के बाद आज चुनिंदा मीडिया संस्थाओं के स्टेट हेड जिन्होंने साकारात्मक Reporting की थी को सम्मानित किया गया जिसमें स्वदेश न्यूज़ चैनल के स्टेट हेड अवनीश जैन को भी स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया गया।