Local & National News in Hindi
Logo
ब्रेकिंग
स्वास्थ्य मंत्री मस्त, जनता त्रस्त” – अस्पतालों की बदहाली पर जन संघर्ष मोर्चा का फूटा गुस्सा “उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी का नया अवतार, AI कार्टून से बढ़ रही लोकप्रियता” पुल में कमीशन खा गए दलाल, कनेक्टिविटी न होने का है जनता को मलाल – जनसंघर्ष मोर्चा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में देहरादून को फिर से मिलेगी हरियाली और सांस्कृतिक पहचान त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 के तहत जनपद रुद्रप्रयाग में शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान सम... विद्युत फॉल्ट ठीक करने के दौरान हो रही श्रमिकों की मौतों का जिम्मेदार कौन? जनसंघर्ष मोर्चा सावन के पवित्र सोमवार को विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में भी भक्तों द्वारा महादेव की विशेष पूजा अर्चन... हरिद्वार से डाक कांवड़ियों की रवानगी शुरू हो चुकी है… और अब कांवड़ मेले का अंतिम दौर अपने चरम पर है केंद्रीय गृह मंत्री ने बंपर निवेश पर पीठ थपथपाई, साथ ही ब्रांडिंग भी की कलयुग में दो श्रवण कुमार!

दमनकारी शासन ने ली थी 13 मासूमों की जान, शहीद दिवस को याद करके ममता ने CPIM पर साधा निशाना

26

21 जुलाई का दिन बंगाल के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन रहने वाला है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस इस दिन को शहीद दिवस के तौर पर मनाने वाली है. इस दिन की बात करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPIM) पर निशाना साधा है. इसके अलावा उन्होंने इस दिन को पार्टी के लिए भावनात्मक मील का पत्थर कहा है.

31 साल पहले यानी 21 जुलाई 1993 के दिन को याद करते हुए ममता बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने सीपीआई(एम) पर हमला बोलते हुए कहा कि 31 साल पहले इसी दिन दमन के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में मैंने अपने साथियों को खो दिया था, इस दमनकारी शासन ने उन 13 मासूम लोगों की जान ले ली थी. उन्होंने इस दिन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि 21 जुलाई बंगाल के इतिहास में एक खूनों से भरा हुआ दिन है. कल फिर 21 जुलाई आ रही है., जो क बंगाल की लोक संस्कृति का एक ऐसा अंग है जिसे कभी अलग नहीं किया जा सकता है.

क्या हुआ था 31 साल पहले, जिसमें मरे थे 13 लोग

21 जुलाई साल 1993 को ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल युवा कांग्रेस की एक रैली का आयोजन किया गया था, जिसमें वोटिंग के लिए मतदाता पहचान पत्र ही एकमात्र जरूरी डॉक्यूमेंट बनाया जाने की मांग की जा रही थी. इस रैली के ही दौरान कोलकाता में पश्चिम बंगाल पुलिस ने रैली पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई, जिसे कोलकाता में अपना वार्षिक ‘शहीद दिवस’ कार्यक्रम के तौर पर मनाया जाएगा.

‘मां-माटी-मानुष दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा

ममता ने एक्स पर पोस्ट करते हुए रैली के दौरान मारे गए लोगों को याद करते हुए लिखा कि हम हर साल इस ऐतिहासिक दिन पर उन वीर शहीदों को प्यार और सम्मान के साथ याद करते हैं, उनके साथ हम उन सभी को भी याद करते हैं जिन्होंने हमारे देश और साथी इंसानों के लिए आंदोलनों में अपने प्राणों की आहुति दी है. साथ ही हम इस दिन को ‘मां-माटी-मानुष दिवस’ के रूप में मनाते हैं, और अपनी लोकतांत्रिक चुनावी जीत को पश्चिम बंगाल के लोगों को समर्पित करते हैं. इस दिन का एक और स्थायी महत्व है. 21 जुलाई को हो रहे इस कार्यक्रम में ममता ने बंगाल के लोगों को भी इनवाइट किया है. उन्होंने कहा है कि बंगाल के सभी लोगों को आमंत्रित करती हूं.

हर साल की तरह, इस साल भी, मुझे विश्वास है कि शहीदों को सामूहिक श्रद्धांजलि देने में आपकी उत्सुकता पूर्ण भागीदारी से हमारी सभा सार्थक होगी. उन्होंने इस पोस्ट में खुद की एक कविता भी लिखी, जिसमें उन्होंने लिखा कि “21 जुलाई खून और आंसुओं से लथपथ है, शहीदों की याद में ढेर सारी श्रद्धांजलि.”

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.