उत्तराखंड में उत्तराखंड शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा सदन में पहाड़ी मूल के लोगों के लिए अपषब्द कह जाने पर पूरे उत्तराखंड में बवाल मचा
उत्तराखंड में उत्तराखंड शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा सदन में पहाड़ी मूल के लोगों के लिए अपषब्द कह जाने पर पूरे उत्तराखंड में बवाल मचा हुआ है वही उत्तराखंड में हाल में लागू हुआ भू- कानून और यूनिफाम सिविल कोड को लेकर भी लोग बदलाव की मांग कर रहे हैं इसी को लेकर पहाड़ों की रानी मसूरी में सामाजिक संगठनों और राज्य आंदोलनकारी द्वाराएक होटल के सभागार में सयुक्त बैठक आयोजित की गई जिसमें प्रदेश के विभिन्न समस्याओं एवं राज्य को बचाये जाने को लेकर उत्तराखंड बचाव संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया।
बैठक में तय किया गया कि अगर 15 दिनों के अंदर सरकार द्वारा पहाड़ियों को गाली देने वाले मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त नहीं किया जाता तो उत्तराखंड बचाव संयुक्त संघर्ष समिति के कार्यकर्ता भारी संख्या में मसूरी के शहीद स्थल से हाथों में मशाल लेकर मसूरी से पैदल मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे। उन्होने कहा कि अगर तब भी मंत्री को बर्खास्त नही किया गया तो 1994 के उत्तराखंड आंदोलन के तहत मंत्री को बर्खास्त करने के लिए भी पूरे उत्तराखं डमें आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लचीला भू कानून बनाया गया है जिससे पहाड का नही बचेगे पर भू-माफियाओं को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है और उत्तराखंड का निर्माण पहाड़ को बचाने और पहाड़ से हो रहा है पलायन को रोकने के लिए किया गया था परंतु दुर्भाग्य वर्ष उत्तराखंड को बने 25 साल हो गए हैं कांग्रेस और बीजेपी ने बारी बारी से उत्तराखंड में सरकार बनाई है परंतु उत्तराखंड को संवारने की जगह दोनों पार्टी ने उत्तराखंड का दोहन करने का काम किया है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जल्द भू कानून को मजबूत और रूयूनिफॉर्म सिविल कोड में लिविंग रिलेशन के नियम में संशोधन नहीं करती है तो इसको लेकर भी जल्द पूरे प्रदेष में आंदोलन शुरू किया जाएगा।